BSF अधिकारी से 71 लाख की ठगी का खुलासा
गिरफ्तार किए गए छात्रों ने BSF के एक अधिकारी से 71 लाख रुपए की ठगी की थी। उन्होंने अधिकारी को ऑनलाइन निवेश के नाम पर झांसा दिया और उन्हें भारी मुनाफे का लालच देकर उनके बैंक अकाउंट से पैसे उड़ा लिए। साइबर क्राइम पुलिस को जैसे ही इस मामले की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत जांच शुरू की और आरोपियों की लोकेशन को ट्रेस करते हुए उन्हें नोएडा के हॉस्टल से गिरफ्तार कर लिया।
कैसे चलाते थे साइबर ठगी का रैकेट?
साइबर क्राइम पुलिस की जांच में पता चला है कि ये छात्र फर्जी वेबसाइट्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को निवेश के नाम पर ठगते थे। वे सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे और फिर उनसे ओटीपी और बैंक डिटेल्स हासिल कर उनके अकाउंट्स से पैसे उड़ा लेते थे।
B.Tech स्टूडेंट के अकाउंट में मिले 2 लाख रुपए
गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने आरोपियों के बैंक अकाउंट्स की जांच की, तो बीटेक स्टूडेंट के अकाउंट में 2 लाख रुपए मिले, जो हाल ही में साइबर ठगी के जरिए हासिल किए गए थे। इसके अलावा, उनके पास से कई मोबाइल, लैपटॉप और फर्जी सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल वे ठगी के लिए करते थे।
दो साल से चला रहे थे रैकेट
पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ये छात्र पिछले दो साल से यह रैकेट चला रहे थे। उन्होंने अब तक दर्जनों लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया है। उनकी चालाकी और तकनीकी जानकारी ने उन्हें पुलिस की नजरों से बचाए रखा, लेकिन BSF अधिकारी से हुई बड़ी ठगी के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और उन्हें पकड़ने में कामयाबी हासिल की।
पहले बताया खुद को इंजीनियरिंग के छात्र
गिरफ्तार होने के बाद तीनों ने पहले अपनी पहचान छुपाने के लिए खुद को इंजीनियरिंग के छात्र बताया, ताकि पुलिस को शक न हो। लेकिन कड़ी पूछताछ और दस्तावेजों की जांच के बाद उनकी असलियत सामने आ गई। पुलिस के मुताबिक, एक आरोपी बीटेक का छात्र है, जबकि दूसरा 12वीं का और तीसरा बीबीए का छात्र है।
ग्वालियर साइबर क्राइम पुलिस की बड़ी सफलता
इस केस को सुलझाने में ग्वालियर साइबर क्राइम पुलिस की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने तकनीकी जांच के जरिए आरोपियों की लोकेशन को ट्रेस किया और उन्हें पकड़ने के लिए एक विशेष टीम को नोएडा भेजा। टीम ने हॉस्टल पर छापा मारा और तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कर रही है आगे की जांच
गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब इस रैकेट के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है। पुलिस का मानना है कि यह रैकेट सिर्फ तीन लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार बड़े साइबर गैंग से जुड़े हो सकते हैं। इसके अलावा, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इन छात्रों ने अब तक कितने लोगों को ठगा है और कुल कितनी रकम हड़पी है।
निवेशकों के लिए चेतावनी
इस मामले के बाद साइबर क्राइम पुलिस ने आम जनता को सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने लोगों को फर्जी वेबसाइट्स और ऑनलाइन निवेश के नाम पर मिलने वाले ऑफर्स से बचने की चेतावनी दी है। पुलिस का कहना है कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और किसी को भी अपने बैंक डिटेल्स साझा न करें।
अदालत में पेशी और सख्त कार्रवाई
तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि उन पर आईटी एक्ट और धोखाधड़ी के तहत कड़ी धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी ताकि समाज में साइबर ठगी करने वालों के खिलाफ एक कड़ा संदेश जाए।
ग्वालियर साइबर क्राइम पुलिस की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। यह मामला समाज को सचेत करता है कि ऑनलाइन लेन-देन में सतर्कता बरतें और अनजान ऑफर्स से बचें।