टॉयलेट की कमी से यात्री परेशान रेलवे स्टेशन पर पुनर्विकास के तहत पुराने टॉयलेट हटा दिए गए हैं, लेकिन नए टॉयलेट का निर्माण अब तक नहीं किया गया है। इस वजह से यात्रियों को टॉयलेट ढूंढने में खासी परेशानी हो रही है। लंबी यात्रा पर निकले यात्री खासकर बुजुर्ग और बच्चों के साथ आए परिवार इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
पानी के नल तोड़े जाने से बढ़ी समस्या स्टेशन के विभिन्न प्लेटफार्मों पर पानी के नल भी तोड़ दिए गए हैं, जिससे यात्रियों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
सीढ़ियों की संख्या बढ़ने से मुश्किलें पुनर्विकास कार्य के दौरान प्लेटफार्मों तक पहुंचने के लिए 62 सीढ़ियां चढ़नी पड़ रही हैं। यह विशेष रूप से बुजुर्ग, दिव्यांग और भारी सामान लेकर यात्रा कर रहे लोगों के लिए बेहद कठिन हो गया है। कई यात्रियों ने शिकायत की है कि सीढ़ियां चढ़ने में उन्हें हांफने की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
यात्रियों की शिकायतें और प्रशासन का रवैया यात्रियों का कहना है कि स्टेशन पर सुविधाओं की कमी से उनकी यात्रा का अनुभव बेहद खराब हो गया है। हालांकि रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पुनर्विकास कार्य के पूरा होने के बाद यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन तब तक यात्रियों को यह असुविधा झेलनी होगी।
क्या हो सकते हैं समाधान?
- अस्थायी टॉयलेट और पानी के टैंकर की व्यवस्था की जाए।
- बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए एस्केलेटर या लिफ्ट का प्रावधान किया जाए।
- यात्रियों को कार्य की प्रगति और सुविधाओं की बहाली के बारे में नियमित रूप से जानकारी दी जाए।