कैसे हुई बीमारी की पुष्टि? डॉक्टरों के अनुसार, किशोरी को कुछ दिनों से तेज बुखार और अन्य लक्षणों की शिकायत थी। जब उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ, तो उसे अस्पताल ले जाया गया। विस्तृत जांच के बाद, जापानी इंसेफेलाइटिस की पुष्टि की गई। यह बीमारी मच्छरों के जरिए फैलती है और अक्सर मानसून के बाद के मौसम में इसके मामले सामने आते हैं।
क्या है जापानी इंसेफेलाइटिस? जापानी इंसेफेलाइटिस एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से फैलता है। यह बीमारी मस्तिष्क को प्रभावित करती है और यदि समय पर इलाज न हो, तो यह घातक साबित हो सकती है। इसके सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, उल्टी, दौरे और बेहोशी शामिल हैं।
स्थानीय प्रशासन सतर्क ग्वालियर में इस मामले के सामने आने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने इलाके में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है। सागरताल और आसपास के इलाकों में फॉगिंग और एंटी-लार्वा छिड़काव किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
- पानी जमा न होने दें और घर के आसपास साफ-सफाई रखें।
- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
- बुखार, सिर दर्द या अन्य लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रशासन का बयान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह ग्वालियर में जेई का पहला मामला है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत चिकित्सा परामर्श लें।
ग्वालियर में जापानी इंसेफेलाइटिस के पहले मामले ने चिंता बढ़ा दी है। समय पर इलाज और सतर्कता ही इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।