कैसे हुआ खुलासा?
मामला उस समय सामने आया जब पत्नी ने कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों की सत्यता पर संदेह जताया और इसकी जांच की मांग की। कोर्ट ने दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए, जिससे साजिश की पोल खुल गई। जांच में पता चला कि जिस कंपनी में पत्नी को कर्मचारी दिखाया गया था, वह दरअसल पति के दोस्त की कंपनी थी और वहां उसका कोई रिकॉर्ड नहीं था।
भाई और दोस्त ने की मदद
पति ने यह चालाकी अपने भाई और दोस्त की मदद से रची थी। उसने अपने दोस्त की कंपनी में पत्नी का फर्जी नियुक्ति पत्र बनवाया और कोर्ट में फर्जी सैलरी स्लिप भी पेश कर दी। इस फर्जीवाड़े के सहारे उसने यह साबित करने की कोशिश की कि पत्नी स्वयं आत्मनिर्भर है और उसे भरण-पोषण की आवश्यकता नहीं है।
पत्नी ने जताया था संदेह
पत्नी ने कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों पर सवाल उठाए थे और दावा किया था कि वह बेरोजगार है और उसे भरण-पोषण की जरूरत है। इसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए, जिसके बाद सच्चाई सामने आई।
एफआईआर दर्ज, आगे की जांच जारी
जांच में फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद कोर्ट के आदेश पर पति, उसके भाई और दोस्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और उन दस्तावेजों की सत्यता की भी जांच की जा रही है जो कोर्ट में पेश किए गए थे।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि भरण-पोषण से बचने के लिए फर्जीवाड़ा करना एक गंभीर अपराध है। यदि आरोप साबित होते हैं तो संबंधित आरोपियों को कड़ी सजा हो सकती है।
ग्वालियर में चर्चा का विषय
यह मामला ग्वालियर में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग इस बात से हैरान हैं कि भरण-पोषण से बचने के लिए इस हद तक साजिश रची गई।
मामले की जांच जारी है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल है।