अपहरण की घटना के विवरण:
शिवाय के अपहरण का मामला तब खुलकर सामने आया जब महबूब की नातिन ने शिवाय से घर का नंबर पूछा और फेसबुक पर उपलब्ध जानकारी से नंबर मिल जाने पर वीडियो कॉल कर दिया। इसी बीच, आईजी अरविंद सक्सैना ने डीजीपी कैलाश मकवाना से संपर्क कर शिवाय की वीडियो कॉल पर बातचीत करवाई।
शिवाय गुप्ता ने बताया कि उसे पूरी घटना समझ नहीं आई। शिवाय के अनुसार, बाइक वाले कुछ अज्ञात व्यक्ति उसे पकड़कर ले गए। उनके एक हाथ में मिर्ची लगी थी, जिसे उन्होंने उसके मुंह पर दबा दिया। शिवाय ने कहा, "मिर्ची लग रही थी। जब मैं रोया, तो मेरा मुंह दबा दिया। बार-बार धमकी दी कि अगर शोर मचाया तो गला दबा देंगे। थप्पड़ भी मारे।" शिवाय ने बताया कि उन्हें बार-बार गाड़ी से फेंकने की धमकी दी गई। भयभीत होकर वह सो भी गया, और उठने पर भी धमकियों से डरा हुआ था। उन्हें कुछ भी खाने को नहीं दिया गया और रात में अंततः खेत में फेंककर छोड़ दिया गया।
प्रशासनिक कार्रवाई:
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस को स्थानीय समाज की एकता का साथ मिला और बदमाशों पर दबाव बनाया गया। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव और डीजीपी कैलाश मकवाना स्वयं चिंतित दिखे और पूरी मॉनिटरिंग जारी रखी। प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने सुबह ही बच्चों के स्वजनों से बात कर पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया:
इस घटना ने पूरे शहर में हलचल मचा दी है। शिवाय के परिवार, स्थानीय निवासियों और पुलिस के साथ मिलकर मामले की जांच में जुट गए हैं। इंटरनेट और सोशल मीडिया पर घटना की फुटेज, वीडियो और अन्य जानकारियाँ तेजी से साझा की जा रही हैं, जिससे पूरे शहर में इस मामले को व्यापक समर्थन और प्रतिक्रिया मिल रही है।
इस मामले की जांच तेज़ी से जारी है और संबंधित अधिकारियों द्वारा अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है।