20 मिनट में वारदात को देते थे अंजाम
गैंग के सरगना शाहलीन ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ केवल 20 मिनट में ATM मशीन तोड़कर नकदी उड़ा लेता था। गैंग का तरीका बेहद पेशेवर और तकनीकी था। वे गैस कटर, वायर कटर और अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर वारदात को अंजाम देते थे।
नूह: सेंधमारी का हॉटस्पॉट
पुलिस की जांच में पता चला कि नूह गांव ATM लुटेरों के लिए ट्रेनिंग सेंटर के रूप में काम करता है। यहां युवाओं को ATM तोड़ने की तकनीक, CCTV कैमरे को डिवर्ट करने के तरीके और वारदात के बाद फरार होने की योजना सिखाई जाती है। यह क्षेत्र ग्वालियर से करीब 400 किलोमीटर और दिल्ली से मात्र 160 किलोमीटर दूर है।
पुलिस का ऑपरेशन
ग्वालियर पुलिस ने गैंग को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई थी। टीम ने शाहलीन की गतिविधियों पर नजर रखते हुए उसे ट्रैक किया और अंततः उसे गिरफ्तार करने में सफलता पाई। गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश अभी जारी है।
अब तक की वारदातें
गैंग ने ग्वालियर समेत आसपास के जिलों में कई ATM लूट की वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस को उनके पास से बड़ी मात्रा में नकदी और सेंधमारी के उपकरण मिले हैं। शाहलीन ने बताया कि गैंग का हर सदस्य एक निश्चित भूमिका निभाता था, जैसे कि गैस कटर चलाना, नकदी निकालना और निगरानी रखना।
पुलिस का बयान
ग्वालियर के एसपी अमित सांघी ने कहा, "ATM काटने वाली गैंग के सरगना को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी जानकारी के आधार पर अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। नूह गांव को लेकर मिली जानकारी पर भी कार्रवाई के लिए संबंधित एजेंसियों से संपर्क किया जाएगा।"
सवाल उठते हैं:
- नूह जैसे क्षेत्रों में ऐसी ट्रेनिंग सेंटर कब तक चलती रहेंगी?
- इन गैंग्स पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन क्या कदम उठाएगा?
- ATM सुरक्षा को लेकर बैंकों की क्या भूमिका है?
यह घटना न केवल पुलिस की मुस्तैदी को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि सेंधमारी के ऐसे हॉटस्पॉट्स को बंद करने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे।