बच्चे की हालत गंभीर
कुत्तों ने मासूम पर इतने बेरहमी से हमला किया कि उसके सिर से लेकर पैर तक 18 जगह गहरे घाव हो गए। सबसे भयानक चोट सिर पर आई, जहां कुत्तों ने दांत गड़ा कर खाल तक उधेड़ दी। गर्दन पर जबड़ों से दबाव बनाने के बाद बच्चे की हालत और बिगड़ गई।
घटना के बाद, आसपास के लोगों ने कुत्तों को किसी तरह भगाकर बच्चे को बचाया और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को बचाने के लिए करीब 107 टांके लगाए गए हैं। सिर, गर्दन और पैर पर गहरे जख्म होने के कारण उसकी हालत अभी गंभीर बनी हुई है।
डॉक्टरों की राय
डॉक्टरों का कहना है कि यह अब तक की सबसे भयानक घटना है। कुत्तों ने सिर और गर्दन पर जिस तरह हमला किया है, उससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। बच्चे को इमरजेंसी वार्ड में रखा गया है और उसकी हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है।
स्थानीय प्रशासन और लोगों में रोष
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उन्होंने नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही को लेकर विरोध दर्ज कराया है। नागरिकों का कहना है कि आवारा कुत्तों की समस्या पिछले कई महीनों से बढ़ती जा रही है, लेकिन इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
क्या कर रहा प्रशासन?
घटना के बाद नगर निगम की टीम को इलाके में भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान शुरू किया जाएगा। हालांकि, यह समस्या कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इस घटना से ही लगाया जा सकता है।
सवाल उठता है:
- शहर में आवारा कुत्तों की समस्या को कब तक नजरअंदाज किया जाएगा?
- बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे?
- क्या यह घटना प्रशासन को जागरूक करने के लिए काफी है, या फिर और बड़ी घटनाओं का इंतजार किया जा रहा है?
ग्वालियर की यह घटना न केवल प्रशासन की विफलता को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि आखिर नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा।