निगम की कार्रवाई सवालों के घेरे में
नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए दो गाड़ियां और छह कर्मियों को तैनात किया था, लेकिन पूरी कार्रवाई के दौरान केवल एक ही स्ट्रीट डॉग पकड़ा गया। यह स्थिति दर्शाती है कि निगम की व्यवस्था कितनी कमजोर और लचर है।
शहरवासियों में बढ़ रहा गुस्सा
ग्वालियर के विभिन्न इलाकों से लगातार मिल रही शिकायतों के बावजूद नगर निगम की लचर कार्यप्रणाली पर लोग नाराज हैं। शहरवासियों का कहना है कि निगम की ओर से किए जा रहे प्रयास सिर्फ कागजों में सीमित हैं और धरातल पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही।
प्रमुख समस्याएं:
- शहरभर में स्ट्रीट डॉग्स की बढ़ती संख्या – कई इलाकों में कुत्तों के झुंड खुलेआम घूमते हैं और राहगीरों पर हमला कर रहे हैं।
- शिकायतों के बावजूद निष्क्रिय प्रशासन – दर्जनों शिकायतों के बावजूद निगम की कार्रवाई बेहद सुस्त और प्रभावहीन साबित हो रही है।
- सुरक्षा का अभाव – लोगों को घर से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को अधिक खतरा है।
क्या कहता है प्रशासन?
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि टीम लगातार काम कर रही है और जल्द ही स्ट्रीट डॉग्स की समस्या को नियंत्रित किया जाएगा। हालांकि, अभी तक कोई ठोस योजना या रणनीति सामने नहीं आई है।
नागरिकों की मांग
- स्ट्रीट डॉग्स को पकड़ने के लिए अधिक टीमें लगाई जाएं।
- संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जाए।
- बचाव और टीकाकरण कार्यक्रम को प्राथमिकता दी जाए।
- स्थायी समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।